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वाराणसी के गंगा घाट पर लाल पट्टी बताएगी नावों और मोटर बोट की ओवरलोडिंग, जांच के लिए नगर आयुक्त ने दिया आदेश

जागरण संवाददाता, वाराणसी : गंगा में नाव दुर्घटनाओं को देखते हुए नगर निगम ने सुरक्षा मानकों को सख्ती से अनुपालन कराने का निर्णय लिया है। नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने जांच का आदेश देते हुए रिपोर्ट तलब की है जिससे स्पष्ट हो सके कि नगर निगम की ओर से जारी नाव पंजीकरण व नाविक पहचान पत्र युक्त कितनी नावों व मोटर बोट का संचालन हो रहा है। इसमें यह भी मालूम हो सकेगा कि कितनी नावें व मोटर बोट्स ऐसे संचालित हैं जिनके पास ये जरूरी कागजात नहीं है। इसके साथ ही ओवरलोडिंग की पहचान करने के लिए नावों पर लाल पट्टी लगवाने का आदेश भी दिया है जो नाविक संगठनों के माध्यम से लगाए जाएंगे।

नगर आयुक्त ने अनुसार बीते दिनों नाविक संगठनों से कई बिंदुओं पर चर्चा हुई थी। तय किया गया था कि नावों को ओवरलोडिंग से बचाने के लिए फ्लुरिसेंट पेंट की पट्टी लगाई जाए जो लाल रंग का होने के कारण दूर से ही दिखाई देगी। यदि नावों व मोटर बोट्स ओवरलोड होंगी तो लाल पट्टी पानी में डूब जाएगी जिसके बाद संबंधित नाविक के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके लिए जुर्माने की राशि का स्लैब तय हो रहा है।

गंगा में नाव संचालन को लेकर बीते दिनों हुई बैठक में नाविक संगठन के अध्यक्ष प्रमोद माझी, प्रदीप कुमार साहनी, पृथ्वीनाथ साहनी, बबलू साहनी, दीपक साहनी, सत्यनारायण, रवि माझी, दुर्गा माझी, सरजू साहनी, गोविंद साहनी, अजीत साहनी, बाबू आदि थे। सभी ने कई बिंदुओं पर सहमति जताई। तय हुआ कि नावों के पंजीकरण व नाविकों के पहचान पत्र को जारी करते समय नाविक संगठन की स्वीकृति ली जाए। फोटोयुक्त पहचान पत्र बने। मानक के अनुरूप यात्री बैठाए जाएं। लाइफ जैकेट, लाइफ रिंग, चार सेल का टार्च व 20 मीटर नायलान की रस्सी नाव में रखना अनिवार्य होगा।

बाजार में पर्याप्त लाइफ जैकेट, नहीं आ रहे खरीदार

बीते दिनों नाविकों के साथ ही नगर निगम व जिला प्रशासन के अफसरों की बैठक में लाइफ जैकेट की बाजार में उपलब्धता को लेकर सवाल उठा था। नावों में नदारद लाइफ जैकेट को लेकर इसे बड़ी वजह बताया गया था लेकिन यह सिर्फ बहानेबाजी ही है। बनारस के बाजार में पर्याप्त मात्रा में लाइफ जैकेट उपलब्ध है। मांग कम होने से दुकानदारों में निराशा है। वे कारोबार की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में यदि गंगा के घाटों पर नगर निगम या किसी अन्य संस्थाओं की ओर से किराए पर उपलब्ध हो तो कारोबार के नए अवसर तो खुलेंगे ही, जिंदगी को प्यार करने वाले सुरक्षा के लिए जरूरी सुविधा के उपयोग से इन्कार नहीं करेंगे। लहुराबीर में खेलकूद सामग्री बेचने वाले दुकानदार रमेश कालिया बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर के बाद इसकी मांग में तेजी से इजाफा हुआ लेकिन कुछ दिनों से बाजार ठंडा है, फिर भी इसकी उपलब्धता है। बाजार में 850 से लेकर दो हजार तक के लाइफ जैकेट उपलब्ध हैं। वजन के हिसाब से छोटा, मध्यम व बड़े साइज के लाइफ जैकेट हैं।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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