वाराणसी के अन्नपूर्णा अपार्टमेंट में सुबह तक धधकती रही दीवारें, बिल्डर पर फूटा लोगों का गुस्सा

वाराणसी के अन्नपूर्णा अपार्टमेंट में शुक्रवार सुबह तक भवन की दीवारें धधकती रहीं। वहीं सुबह हादसे के बाद पहुंचे बिल्डर पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। घरों में जहां लोगों की पूरी गृहस्थी जलकर खाक हो गई वहीं दूसरी ओर परिवारों के सामने जीवन का संकट आ गया है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। अन्नपूर्णा ग्रैंडयोर अपार्टमेंट में शुक्रवार को पहुंचे बिल्डर आरसी जैन का घेराव किया। घटना की वजह लापरवाही का हवाला देते हुए बिल्डर और कर्मचारियों से अपनी नाराजगी जताई। हल्की नोकझोंक भी हुई। वहा मौजूद वरिष्ठ जनों ने हस्तक्षेप कर किसी तरह लोगों को शांत कराया। अपार्टमेंट के फ्लैट आग लगने की घटना के अगले दिन पहुंचे बिल्डर को स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। नष्ट हुए फ्लैट और वस्तुओं की क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर बिल्डर आरसी जैन का घेराव कर दिया। बिल्डर ने स्थानीय लोगों को आगजनी में नष्ट फ्लैट में मरम्मत कराने का भरोसा दिया। फिर भी स्थानीय लोग अपनी मांग पर अड़े रहे। उन्होंने अपार्टमेंट के मुख्य बिल्डर को बुलाने की मांग की। इस दौरान नोकझोंक भी हुई।
पूरी गृहस्थी जलकर भस्म : दुर्घटना के शिकार फ्लैट की दीवारें अगले दिन सुबह तक धधकती रही। घटना की विभीषिका ऐसी कि आग ने राकेश कुमार गुप्ता की गृहस्थी को पूरी तरह से राख कर दिया। अंदर आलमारी में रखे पैसे, गहने, फर्नीचर, पंखे और एसी सहित इलेक्ट्रोनिक उपकरण जलकर भस्म हो गए। घर की हालत देख उनकी पत्नी मीना भी बदहवास हो गईं। बोर्ड की परीक्षा की तैयारी में जुटे बड़े बेटे के स्कूल की किताबें भी जल गईं। रेलवे में ठेकेदार राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि वह पत्नी मीना के साथ कपड़ों की खरीददारी करने मार्केट गए थे। उन्हे फोन पर घटना की जानकारी मिली। बचाव में उनका हाथ भी बुरी तरह से जख्मी हो गया। उनके फ्लैट 401 के अलावा पड़ोसी 402, 403 और 404 के फ्लैट में भी आग ने खूब तांडव मचाया।
अग्निशमन की व्यवस्था फेल : रिहायशी अपार्टमेंट में हुई इस दुर्घटना ने घोर लापरवाही को उजागर कर दिया। यहां बिल्डर की ओर से फायर प्रूफ जैसे कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। आपात स्थिति में बाहर निकलने के लिए किसी भी ब्लॉक में सीढ़ी नहीं बनाई गई। घटना के दौरान दोनों लिफ्ट बंद थे, जबकि वैकल्पिक एक मात्र सीढ़ी पर धुआं भर गया था। जिससे लोगों का दम घुटने लगा। परिसर में निर्माण कार्य के चलते अग्निशमन की गाड़ी अंदर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बचा। वाटर हाइड्रेंट पाइप भी शोपीस बनी रही।