मीरजापुर में अनुसूचित जाति-जनजाति समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोड़ बोले- आदिवासियों के अधिकारों को छीनने का काम करती रही कांग्रेस

प्रदेश के अनुसूचित जाति-जनजाति समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोड़ ने उद्घाटन सत्र में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। कहा कि 50 सालों तक आदिवासियों को दबाने और उनके अधिकारों को छीनने का काम कांग्रेस सरकार ने किया। जनजातीय अधिकारों पर राज्यमंत्री ने संविधान संशोधन की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि ऐसे लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए, जो धर्मांतरण कर चुके हैं और समाज के अधिकारों को छीन रहे हैं।
चुनार में सुरभि शोध संस्थान के रामबाग प्रकल्प में शुक्रवार को राज्यमंत्री ने जनजाति सुरक्षा मंच की तीन दिवसीय कार्यशाला का दीप जलाकर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सकारात्मक सोच का परिणाम है कि प्रदेश में जनजातियों को उनके अधिकार मिल रहे हैं। भाजपा और प्रधानमंत्री का नेतृत्व ही है कि आज देश के आदिवासी समाज से आने वाली द्रौपदी मुर्मु राष्ट्रपति पद पर आसीन हुई हैं। राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जनजाति में आने वाले 22 लाख से अधिक लोग हैं। योगी सरकार वनाधिकार के माध्यम से आदिवासी समाज और जनजातियों के अधिकार दिलाने के लिए कार्य कर रही है। राष्ट्रीय सह संयोजक राजकिशोर हांसदा ने कहा कि 50 वर्ष पूर्व संसद सदस्य व पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबा कार्तिक उराव ने संसद में जनजाति के मुद्दे को उठाया था। उनका मानना था कि जो लोग अपना धर्म और संस्कृति छोड़कर दूसरे धर्म में शामिल हो गए हैं, उनका जनजाति का आरक्षण लेना वास्तविक पात्रों के साथ अन्याय है। उन्होंने जनजाति सुरक्षा आंदोलन को जनांदोलन बनाने का आह्वान किया।
इसके पहले सुरभि के सूर्यकांत जालान उर्फ कानू बाबू ने सुरभि शोध संस्थान के प्रकल्पों, वनवासी छात्रावासों व विद्यालयों के बारे में बताया। वहीं सुरभि के हरीश त्रिपाठी ने कार्यशाला के बारे में बताया। इस मौके पर अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र खराड़ी, जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत समेत तमाम लौग मौजूद रहे।
देश के विभिन्न राज्यों के 200 प्रतिनिधि ले रहे भाग
तीन दिवसीय कार्यशाला में उप्र, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पूर्वोत्तर व दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों के दो सौ अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। तीन दिन तक विभिन्न सत्रों में स्व. कार्तिक उरांव द्वारा छेड़े गए अभियान को पूरा किए जाने पर मंथन होगा। जनजाति सुरक्षा मंच संविधान के अनुच्छेद 342 में संशोधन व धर्मांतरित लोगों को आरक्षण से बाहर किए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अभियान को धार देने की योजना पर भी विचार करेगी।