महंत कुलपति तिवारी ने ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग के पूजन की अदालत से मांगी अनुमति

वाराणसी, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे की रिपोर्ट जिला जज की अदालत में पहुंचने के बाद से ही ज्ञानवावी को लेकर आठ सप्ताह में सुनवाई पूरी करने को लेकर तरह तरह के कयास जारी हैं। वहीं ज्ञानवापी पर फैसला आने के पूर्व ही एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान प्राप्त परिणामों को लेकर भी चर्चाओं का दौर खूब चल रहा है। इसी बीच विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डा. कुलपति तिवारी ने भी ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति को लेकर अदालत का रुख किया है। यह प्रकरण भी पूर्व के मामलों के साथ अदालत में सुना जाएगा। हालांकि, सोमवार को सुनवाई के पहले दिन ही मामले में अगले दिन की तारीख सुनवाई के लिए दे दी गई है।
विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी सुबह अदालत पहुंचे और जिला अदालत में याचिका दाखिल करने के लिए अपने अधिवक्ता संग विचार विमर्श किया। पूर्व में सर्वे के दौरान ज्ञानवापी के वजूखाने में प्राप्त शिवलिंग की पूजा करने के लिए वह अदालत की चौखट में पहुंचे हैं। शिवलिंग के पूजन के अधिकार सहित प्रतिदिन भोग आरती व अन्य वैदिक रीति रिवाजों और परंपराओं के निर्विघ्न पूरा करने को लेकर वह याचिका लगाने पहुंचे तो अदालत परिसर में भी खूब चर्चा और गहमागहमी का दौर शुरू हो गया। वहीं अपने अधिवक्ता संग वह मंथन करते नजर आए। ज्ञानवापी के पूर्व में उन्होंने एश्वर्य मंडप की मौजूदगी की भी बात कही और बताया कि वहां पर खजाना भी मौजूद है। इस बात की जांच की जाए तो वहां पर मंदिर की मौजूदगी की पूरी सत्यता सामने आ जाएगी।
महंत कुलपति तिवारी ज्ञानवापी मंदिर में प्रतिदिन भोग आरती के साथ पूजन की मांग की याचिका दाखिल की है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में खजाना होने की बात कहकर मस्जिद का पूरा सर्वे और जांच पड़ताल करने की भी मांग उठाई है। उन्होंने पुराने दस्तावेजों के हवाले से वैदिक परंपराओं और रीति रिवाजों को निभाने के लिए अदालत से याचिका लगाने की जानकारी दो दिन पूर्व दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिला जज की अदालत में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के दौरान महंत कुलपति तिवारी ने भी पूजन के अधिकार को लेकर याचिका लगाई है। बताते चलें कि इस मामले की आठ सप्ताह में सुनवाई पूरी करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज को दिया है।