बुलेट ट्रेन का वाराणसी का सपना टूटा, वंदे भारत एक्सप्रेस की गति ही पहुंचाएगी दिल्ली, पढ़ें बनारसियों की क्या है राय

नई दिल्ली और वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की परियोजना पर लगे ग्रहण के बाद रेल उपभोक्ताओं ने अपनी अलग राय रखी है। इस मद में लाखों करोड़ रूपए खर्च के बजाय वाराणसी को देश के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने वाली नियमित ट्रेन संचालित करने का सुझाव दिया है। यहां से नए संस्करण की वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की मांग की है।
गौरतलब है कि बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा के दौरान रेलवे बोर्ड ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। रेलवे बोर्ड का मानना है कि फिजिबिलिटी रिपोर्ट में दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन के लिए जो रूट सुझाया गया था, उसमें कई ऐसे मोड़ हैं जिनपर 350 की स्पीड से ट्रेन चलाना संभव नहीं है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा पेश फिजिबिलिटी रिपोर्ट में दिए गए सुझाव पर सहमति नहीं बन पाई। हालांकि, बुलेट ट्रेन परियोजना की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। यह परियोजना अभी विचाराधीन है।
सेमी हाईस्पीड ट्रेन बनेगी विकल्प : वहीं, रेलवे बोर्ड ने अभी के लिए सलाह दी है कि फोकस सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन पर होना चाहिए, जो 160- 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अगले तीन साल में ऐसी करीब 400 ट्रेनें मोजूद होंगी, जिन्हें अलग अलग रूट पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। बतादें कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में 75 वन्दे भारत एक्सप्रेस चलाने का ऐलान किया था। वर्ष 2023 तक देश के अलग -अलग हिस्सों में नए संस्करण की रैक उतार दी जाएंगी। पिछले दिनों चेन्नई और चंडीगढ़ में नए रैक का ट्रायल रन हो चुका है।
रेल उपभोक्ताओं की राय
अपने देश में बुलेट ट्रेन चलाने की कल्पना साकार होने में कई दशक लग सकते है। इसके बजाय सरकार को अत्याधिक दबाव वाले रुटों पर नई ट्रेनें चलाने की जरूरत है। – स्मिता आनंदानी, पांडेयपुर।
हाई स्पीड ट्रेन शुरु होने से यात्रियों के स्टैंडर्ड पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता। इस परियोजना के खारिज होने की सूचना से झटका लगा। इस बारे में पुनः विचार करना चाहिए। – सूरज यादव, परेडकोठी।
नई दिल्ली – वाराणसी के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन पर समय और श्रम व्यर्थ नहीं करना चाहिए। इसके बदले यात्री सुविधा के मद्देनजर वंदे भारत एक्सप्रेस की संख्या बढ़ाई जाए। – सरिता विश्वकर्मा, मोडैला।