बिलकिस बानो कांड के दोषियों की रिहाई के मुद्दे पर कांग्रेस ने गुजरात और केंद्र सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, पूछे सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुजरात में बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड से जुड़े उम्रकैद की सजा काट रहे 11 अभियुक्तों की माफी और रिहाई करने को लेकर प्रदेश के साथ ही केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि क्या वे इस वीभत्स कांड के दोषियों को माफी देने के गुजरात सरकार के फैसले का अनुमोदन करते हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि इस फैसले से नारी शक्ति की बातें करने वालों की कथनी और करनी का अंतर साफ है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने भी इस पर आक्रोश जाहिर करते हुए इसे अन्याय एवं संवेदनहीनता की पराकाष्ठा करार दिया। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि पांच महीने की गर्भवती महिला से दुष्कर्म और उनकी तीन साल की बच्ची की हत्या करने वालों को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के दौरान रिहा किया गया। नारी शक्ति की झूठी बातें करने वाले देश की महिलाओं को क्या संदेश दे रहे हैं? प्रधानमंत्री जी, पूरा देश आपकी कथनी और करनी में अंतर देख रहा है।’
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर माफी और रिहाई का दावा गलत है क्योंकि सर्वोच्च अदालत ने तीन महीने में इस मामले में निर्णय लेने के लिए कहा था न कि रिहाई का आदेश दिया था। खेड़ा ने यह भी कहा कि गुजरात सरकार 1992 की जिस क्षमादान और रिहाई की नीति के आधार पर इन अभियुक्तों को माफी देकर रिहा करने की बात कर रही वह भी झूठ है क्योंकि इस नीति को आठ मई, 2013 को तत्कालीन गुजरात सरकार ने खत्म कर दिया था।
इतना ही नहीं इस प्रकरण से जुड़ा तीसरा तथ्य यह भी है कि जिस मामले की जांच में केंद्रीय एजेंसी शामिल रही हो उसमें अकेले राज्य सरकार रिहाई व माफी का फैसला नहीं ले सकती। बिलकिस बानो प्रकरण की जांच सीबीआई ने की थी और इसलिए केंद्र सरकार की अनुमति इसमें जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की माफी से जुड़े जयललिता सरकार के प्रस्ताव पर यह आदेश दिया था कि अकेले राज्य सरकार माफी नहीं दे सकती। इसलिए हम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से पूछ रहे हैं कि क्या गुजरात सरकार ने उनसे अनुमति ली थी और यदि नहीं ली थी तो मुख्यमंत्री के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे?
खेड़ा ने इस प्रकरण में मीडिया पर निशाना साधते हुए अन्य विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और कहा कि निर्भया प्रकरण में पूरा समाज एक आवाज में दोषियों के लिए सजा की मांग कर रहा था मगर इस प्रकरण में राजनीतिक दलों में चुप्पी क्यों है?
वहीं प्रियंका गांधी ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए कहा कि एक गर्भवती महिला के साथ गैंगरेप एवं उसकी बच्ची की हत्या के अपराध में सभी अदालतों से सजा पा चुके अपराधियों की भाजपा सरकार द्वारा रिहाई, कैमरे के सामने स्वागत, क्या यह अन्याय व संवेदनहीनता की पराकाष्ठा नहीं है? नरेन्द्र मोदी जी स्त्री का सम्मान केवल भाषणों के लिए? महिलाएं पूछ रही हैं।