Follow us On Google
देशपूर्वांचल

धर्मांतरण का न कानून, न डेटा:ऐसे मुस्लिमों को हिंदू बनाया जो नमाज-कुरान नहीं जानते; जो आदिवासी ईसाई बने वे सालभर पहले आदिवासी ही थे

देश में धर्म परिवर्तन प्रतिबंधित नहीं है, बशर्ते वो जबर्दस्ती न हो। संविधान ने सभी को अपने पसंद का धर्म चुनने और उस पर अमल का अधिकार दिया है। –दिल्ली हाईकोर्ट, जून 2022 में एक पिटीशन को खारिज करते हुए

अब जमीन पर चलते हैं…
बीते दो साल में सामूहिक रूप से किए गए धर्म परिवर्तन के पांच मामले सामने आए हैं। इनमें से तीन बड़े मामले छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के थे। इनमें लोगों को ईसाई और मुस्लिम धर्म से हिंदू धर्म में ले जाया गया था।

ये धर्म परिवर्तन होता क्यों है और धर्म बदल चुके लोगों का होता क्या है, इसे समझने हम तीनों सूबों में उन जगहों पर गए, जहां ये धर्म परिवर्तन कराए गए थे। उन लोगों से भी मिलने की कोशिश की, जिनका धर्म परिवर्तन हुआ था और जिन्होंने ये सब कराया था।

हमारी पड़ताल तो यही बता रही कि जो हुआ वो सब सियासी स्टंट भर था। हम छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 130 किमी दूर आमानारा, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 260 किमी दूर आंबा और UP की राजधानी लखनऊ से 650 किमी दूर मुजफ्फरनगर गए। पढ़िए और देखिए ये ग्राउंड रिपोर्ट…

जगह : छत्तीसगढ़
रिपोर्टर : सुमन पांडे

एक साल पहले ईसाई बने आदिवासियों की फिर वापसी हुई…
मैं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 130 किमी दूर आमानारा गांव में हूंं। इस गांव में पहाड़ी कोरबा जनजाति के लोग रहते हैं। 2019 में यहां के 32 परिवार आदिवासी से ईसाई हो गए थे। दो साल बाद फिर आदिवासी बन गए। गांव की सड़क उबड़-खाबड़ है। गांव वाले हर साल खुद इसकी मरम्मत कर लेते हैं। मैं गांव में पहुंचा, तब भी सड़क की मरम्मत ही चल रही थी।

आदिवासी से ईसाई और ईसाई से फिर आदिवासी बनने वाले प्रेम शाह ने बताया कि 2019 में कुछ लोग गांव में आए। कहने लगे कि आप क्यों टोने-टोटके में पड़े हो। ईसाई बन जाओ तो पढ़ोगे-लिखोगे। इसके बाद वे कई बार गांव में आए। नवंबर-दिसंबर में उन्होंने गांववालों को हर रविवार चर्च में बुलाना शुरू किया। 4 से 5 बार बुलाया। फिर सभी को नदी में नहाने के लिए ले गए। बोले- अब आपका शुद्धिकरण हो गया है और आज से आप ईसाई हैं।

उन्होंने न हमारा नाम बदला, न कागज में कोई बदली हुई। वे ये सब छिपकर कर रहे थे। ईसाई धर्म में शामिल होने के बाद भी हमारी जिंदगी नहीं बदली। हम प्रकृति की पूजा करते हैं। उन्होंने हमारी पूजा बंद करवा दी। हाथ-गले में जो नाड़ा बांधते हैं, उसे निकलवा दिया। भगवान के फोटो भी हटवा दिए।

कोरबा समाज के ही विजय कुमार कहते हैं कि ईसाई बनने के बाद हमने हिंदू त्यौहार मनाना बंद कर दिए थे। होली-दिवाली भी नहीं मनाई। घर से यीशु मसीह की फोटो लगा ली।

प्रेम शाह कहते हैं कि कुछ महीने बाद हिंदू धर्म में वापसी का अभियान चला रहे प्रबल प्रताप जूदेव ने हमें दोबारा आदिवासी धर्म में लौटने को कहा। उन्होंने समाज के सामने पैर धोकर हमें फिर हिंदू बना दिया। हमारा धर्म परिवर्तन ऐसा था कि न नाम बदला, न कागज में बदली हुई। हमारी जिंदगी में भी कुछ नहीं बदला। ईसाईयों को शायद गांव में बड़ा चर्च बनाना था, इसलिए वे ऐसा कर रहे थे। गांव के 32 में से 4 परिवार अब भी ईसाई हैं। रुपए-पैसे तो किसी को नहीं मिले, बस वे चर्च जाने लगे।

जगह: मध्यप्रदेश
रिपोर्टर: योगेश पांडे

ऐसे मुस्लिमों को हिंदू बनाया जो नमाज-कुरान ही नहीं जानते…
रतलाम के आंबा गांव में 9 जून को 18 लोगों ने गोबर, गोमूत्र से स्नान और मुंडन के बाद सनातन धर्म स्वीकार कर लिया था। बताया गया था कि ये सभी मुसलमान हैं, लेकिन हमने उनसे बात की, तो पता चला कि इनमें से ज्यादातर को मुस्लिम धर्म के त्योहार भी नहीं पता। वे न कभी नमाज पढ़ते थे और न कुरान। इनमें से ज्यादातर कभी मस्जिद भी नहीं गए। एक महिला ने कबूल किया कि हमें बोला गया है कि हिंदू धर्म में आ गए, तो मकान मिलेगा।

हिंदू बनने वाले राम सिंह का नाम पहले मोहम्मद था। उनसे पूछा गया कि आपकी शादी हुई थी या निकाह? जवाब मिला शादी हुई थी, निकाह नहीं। वजह पूछने पर कहते हैं- हम देहात में थे। मुस्लिम भले ही थे, लेकिन हमारी शादी ही हुई थी।

उनके साथी अर्जुन ने कहा कि हमने मर्जी से हिंदू धर्म अपनाया है। हमने पूछा कि पहले कैसे इबादत करते थे? तो बोले– हमने कभी नमाज पढ़ी ही नहीं। हमारे बाप-दादा भी कभी मस्जिद नहीं गए। हम शुरू से ही हिंदू धर्म को मानते हैं। जब अर्जुन ये बात कह रहे थे, तो उनके करीब खड़े रामसिंह ने कहा कि पहले ईद पर नमाज पढ़ते थे।

इनके अलावा रुक्मणि से पूछा कि रुखसाना नाम क्यों छोड़ दिया? बोलीं- ‘हम सदियों से हिंदू ही थे। हमारे बाप-दादा भी हिंदू थे। पेट भरने के लिए मुसलमान बने थे। सवाल पूछा, तो उनका झूठ पकड़ में आ गया। कहने लगीं कि पहले नमाज पढ़ते थे। किसे मानते थे, तो बोलीं कि माताजी को मानते थे।’

रंजीता बाई कहती हैं कि हमें बोला गया कि हिंदू धर्म में आ गए तो घर-मकान सब मिलेगा। 18 लोगों से ये बात कही गई थी। 7वीं में पढ़ने वाला नवाब अब रमेश बन गया है। कहता है कि हिंदू होने के लिए नाम बदल लिया। कभी नमाज पढ़ी थी? इस पर जवाब दिया कि हां, एक बार पढ़ी थी।

पड़ताल में पता चला कि इन लोगों के धर्मांतरण के पीछे असल कारण गरीबी है। यहां पंचायत चुनाव हो चुके हैं। इन्हें भरोसा दिलाया है कि इनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में दर्ज करवाएंगे, लेकिन अभी इसमें अड़चन है। इन्हें आधार कार्ड और दूसरे सर्टिफिकेट की जरूरत है।

एक साथ धर्मांतरण का दावा करने वाले इस कबीले की नुमाइंदगी कर रहे राम सिंह (पहले मोहम्मद) कहते हैं कि मुझसे जाति प्रमाणपत्र बनवाने के लिए तीन पीढ़ी पहले का रिकॉर्ड मांगा गया है। मैं खंडवा के पास पुनासा के बांगरदा का रहने वाला हूं। तीन पीढ़ी पहले बादी जाति के थे। अपने खानदान वालों को हमने बताया है कि अब हम भी हिंदू बन गए हैं। बादी जाति अनुसूचित श्रेणी में आती है। वहां से लिखवाकर लाया हूं। हमें कहा गया है कि एक बार आपका नाम बदल जाए और रिकॉर्ड में नए नाम आ जाएं तो फिर आपको योजनाओं का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।

जगह: उत्तर प्रदेश
रिपोर्टर: राशिद अली जैदी

धर्म परिवर्तन हुआ लेकिन न नाम पता, न नंबर…
पिछले साल UP के शामली में एक मुस्लिम परिवार के 19 सदस्यों को हिंदू बनाया गया था। दावा था कि वे 15 साल पहले हिंदू ही थे। नवंबर 2021 में सहारनपुर के दो मुस्लिम परिवारों के 26 लोगों की घर वापसी करवाई गई।

यह कार्यक्रम मुजफ्फरनगर में तितावी के गांव बघरा स्थित योग साधना यशवीर आश्रम में हुआ था। धर्म परिवर्तन हुआ, तब मीडिया को भी बुलाया गया था। अब आश्रम धर्म परिवर्तन करने वालों की कोई जानकारी नहीं दे पा रहा है। न इनका नाम बता रहे हैं, और न मोबाइल नंबर दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन लोगों की जान को खतरा हो सकता है, इसलिए डिटेल नहीं दे सकते।

आश्रम के यशवीर महाराज कहते हैं कि हम अब तक सैकड़ों लोगों की घर वापसी करवा चुके हैं, लेकिन आंकड़े जारी नहीं करते। किसी की पहचान नहीं बताते। एड्रेस नहीं देते। हां, जब आश्रम में कार्यक्रम होता है, तब जरूर मीडिया से सबकी बातचीत करवा देते हैं।

अब इन लोगों ने सच में धर्म बदला था या ये सिर्फ एक पब्लिसिटी स्टंट था, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। स्थानीय प्रशासन को भी इसकी कोई जानकारी नहीं है।

कौन करवा रहा धर्म परिवर्तन…

  • विश्व हिंदू परिषद कई साल से घर वापसी अभियान चला रही है।
  • कई आश्रमों के संत-महात्मा और कथावाचक भी अपने-अपने स्तर पर धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं।
  • ईसाई बनाने वाली संस्थाएं छिपकर यह काम कर रही हैं। ये लोग शहरों के बजाय गांवों में जाते हैं और काम में जुटे रहते हैं।

जो धर्म परिवर्तन करवा रहे, उनका क्या कहना है….

पूरी दुनिया में चल रहा ऑसम विदाउट अल्लाह मूवमेंट
विश्व हिंदू परिषद इस मूवमेंट में कैसे काम कर रहा है? यह सवाल हमने संगठन के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन से पूछा तो वे बोले कि यह मूवमेंट तो पूरी दुनिया में चल रहा है। इसे ऑसम विदाउट अल्लाह नाम दिया गया है। भारत में इसे एक्स मुस्लिम कहा जा रहा है, क्योंकि हमारे देश में 95% मुस्लिम ऐसे हैं, जिनके पूर्वजों को जबर्दस्ती मुस्लिम बनाया गया था।

जैन कहते हैं कि कश्मीर घाटी से बड़ी संख्या में मुस्लिम लड़कियां घर वापसी करना चाहती हैं, लेकिन डर के कारण ऐसा नहीं कर पा रही हैं। हम उनके इसी डर को खत्म करने का काम कर रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद तो अपनी स्थापना के साथ ही इस अभियान में जुट गई थी। कितने लोगों की घर वापसी करवा चुके हैं, इसकी संख्या जारी नहीं करते, लेकिन हमारा काम लगातार चल रहा है।

अब तक 15 हजार लोगों को हिंदू बना चुके जूदेव
छत्तीसगढ़ में पैर धुलाकर हिंदू धर्म में वापसी कराने वाले प्रबल प्रताप जूदेव कहते हैं अभी हाल ही में जशपुर में एक नाबालिग का खतना कर दिया गया। वह दलित था। उसके पिता हिंदू और मां मुस्लिम थीं। खतना करने से पहले पिता की सहमति नहीं ली गई। मामला पता चलने पर हम तुरंत एक्टिव हुए और लड़के का धर्म बदलने से बचाया। मैं अपनी टीम के साथ मिलकर अब तक 15 हजार से ज्यादा लोगों की घर वापसी करा चुका हूं। इसमें ईसाई और मुस्लिम दोनों शामिल हैं। ज्यादा संख्या ईसाईयों की है। हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ मिलकर काम करते हैं।

वसीम रिजवी को जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बनाने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती को कॉल किया गया तो उन्होंने फोन उठाते ही कहा कि मैं फोन न उठाऊं तो मुझे वॉट्सऐप पर मैसेज कर दिया करो। फोन पर मुस्लिम गाली देने लगते हैं। इसलिए पुराना नंबर भी बंद कर दिया।

घर वापसी अभियान पर वे कहते हैं कि हमारे पीछे कोई संगठन नहीं है। हमारी खुद की लाखों कार्यकर्ताओं की टीम है। हम किसी का धर्म परिवर्तन भी नहीं करवा रहे।

UP का पूरा गांव हिंदू बनना चाहता है, जल्द ही नाम बताएंगे
रतलाम और मंदसौर में बड़ी संख्या में मुस्लिमों को हिंदू बनवाने वाले स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती कहते हैं कि बीते 4 साल से हम ज्यादा एक्टिव हुए हैं। मंदसौर में शेख जफर को हिंदू बनाया तो उनके प्रभाव से बाकी लोगों के आने का भी रास्ता खुला। रतलाम के 45 लोगों ने घर वापसी की। पास के ही गांव के 25 से 30 मुस्लिम भी हिंदू बने। हम RSS या VHP के साथ मिलकर सीधे काम नहीं कर रहे। हमारा खुद का संगठन है, लेकिन हमे हिंदू संगठनों का सपोर्ट तो है ही।

स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती के मुताबिक, अभी मध्यप्रदेश में हमारा ज्यादा फोकस है। पूर्वी उत्तरप्रदेश का एक पूरा गांव मुस्लिम से हिंदू बनना चाहता है। अभी उसके नाम का खुलासा नहीं करना चाहता। उन लोगों को खतरा हो सकता है। सही वक्त आने पर नाम भी बताएंगे। इसी तरह महाराष्ट्र से भी बहुत लोगों के कॉल आए हैं। हम धीरे-धीरे प्लानिंग के साथ सब तक पहुंच रहे हैं। हम किसी के साथ जबर्दस्ती नहीं कर रहे। जो लोग अपने मन से आना चाहते हैं, हम सिर्फ उनकी मदद कर रहे हैं।

जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन के खिलाफ बने हैं कानून
ये बात अलग है कि धर्म परिवर्तन को लेकर भारत में कोई कानूनी प्रक्रिया है ही नहीं। यानी कोई भी, कभी भी, अपनी मर्जी से धर्म बदल सकता है। इसके लिए न तो पहले और न बाद में किसी डॉक्युमेंटेशन की जरूरत है। न ही किसी तरह की मंजूरी चाहिए।

लेकिन जबर्दस्ती किसी का धर्म नहीं बदलवा सकते। सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन कहते हैं कि जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन के खिलाफ अलग-अलग राज्यों ने कानून बना रखे हैं। कार्रवाई उसी के आधार पर होती है या हो सकती है। अब धर्म परिवर्तन का कोई कानूनी आधार ही नहीं है, तो इसका कोई डेटा भी नहीं मिलता।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

Follow us On Google

Mrityunjay Singh

Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please disable your Adblocker