
बीकेसी (BKC) के एमएमआरडीए मैदान में हुई शिंदे की अगुवाई वाले गुट की रैली में जयदेव ठाकरे (Jaidev Thackeray) से अलग हुईं उनकी पत्नी स्मिता भी मौजूद थीं और साथ में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के सबसे बड़े भाई दिवंगत बिंदूमाधव ठाकरे के बेटे निहार भी रैली में मौजूद थे.
नई दिल्ली:
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बड़े भाई जयदेव ठाकरे शिवसेना (Shiv Sena) से बगावत करके महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के धड़े द्वारा मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में बुधवार को आयोजित दशहरा रैली के मंच पर नजर आए. बीकेसी के एमएमआरडीए मैदान में हुई शिंदे की अगुवाई वाले गुट की रैली में जयदेव ठाकरे से अलग हुईं उनकी पत्नी स्मिता भी मौजूद थीं और साथ में उद्धव ठाकरे के सबसे बड़े भाई दिवंगत बिंदूमाधव ठाकरे के बेटे निहार भी रैली में मौजूद थे.
दिलचस्प बात यह थी कि ठाणे में अंतिम रैली के दौरान शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे द्वारा इस्तेमाल की गई कुर्सी को मंच पर बीच में खाली रखा गया था.उद्धव ठाकरे के भाई-भतीजे के अलावा बाल ठाकरे के 27 साल तक करीबी सहयोगी रहे चंपा सिंह थापा भी शिंदे के मंच पर मौजूद थे. पत्रकारों से बातचीत में स्मिता ठाकरे ने कहा कि शिंदे ने उन्हें रैली के लिए आमंत्रित किया था. बताया जाता है कि बाल ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे के अपने छोटे भाई उद्धव ठाकरे के साथ मधुर संबंध नहीं हैं.
अपने संक्षिप्त भाषण में जयदेव ठाकरे ने (अलग राह चुनने के) शिंदे के ‘साहसी कदम’ की प्रशंसा की और कार्यकर्ताओं से उनका साथ नहीं छोड़ने की अपील की. वहीं, शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत गुट ने मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क में अपनी दशहरा रैली का आयोजन किया. शिंदे और उद्धव ठाकरे, दोनों ही अपने-अपने गुट के ‘असली’ शिवसेना होने का दावा करते हैं. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ शिंदे की बगावत की वजह से शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार 29 जून को गिर गई थी.