
जागरण संवाददाता, वाराणसी : आधी रात में शुक्रवार को आई तेज धूल भरी आंधी और फिर रिमझिम फुहारों ने मौसम को एकाएक बदल दिया। वहीं, तेज हवा के चलते बिजली गुल हो गई। कई स्थानों पर तार टूटने के साथ जंफर उड़ गए। ग्रामीण क्षेत्र में कई स्थानों पर टिनशेड और छप्पर उड़ गए। पेड़ गिरने से यातायात बाधित हो गया। रात में किसी तरह लोगों ने गिरे पेड़ को हटाकर आवागमन सामान्य किया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार आंधी की गति 35-40 किमी प्रति घंटा के आसपास रही। इससे पूरे दिन चिलचिलाती धूप और प्रचंड गर्मी से झुलसते जनमानस को राहत मिली। हालांकि, इस आंधी से आम की फसल को नुकसान पहुंचा और काफी संख्या में लगे फल गिर पड़े। इससे किसानों को रात में गिरे फलों को सहेजने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
एक दिन पूर्व यानी गुरुवार को हुई बूंदाबांदी और तेज आंधी के बाद थमे तापमान ने शुक्रवार को फिर गति पकड़ ली थी। बीते 24 घंटों में ही 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ गया था। शुक्रवार को चली शुष्क और ऊष्ण दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के चलते अधिकतम तापमान 41.5 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस हो गया था। यानी दोनों स्तरों पर 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़त रिकार्ड की गई थी। इस तरह अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक तो न्यूनतम सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम रहा।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय व बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अब इधर ऐसा ही मौसम आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है। दोपहर तक प्रचंड धूप होगी। किन्हीं क्षेत्रों में दोपहर बाद तेज धूल भरी आंधी के बाद बूंदाबांदी हो सकती है, कभी-कभी आधी रात को या भोर में भी इस तरह का मौसम बन सकता है। इसकी वजह से कभी शुष्क तो कभी उमस भरी गर्मी दोनों तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।