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टैटू बनवाने से फैल रहा AIDS, बनारस में सामने आए मामलों ने बढ़ाई चिंता, टैटू बनवाया हो तो जरूर करवा लें ‘HIV’ की जांच

Aids cases reported in Varanasi : बनारस शहर में इन दिनों टैटू यानी गोदना गुदवाने वालों के होश उड़े हुए हैं। जो कारोबारी इससे जुड़े हुए हैं वह भी कार्रवाई की आशंका में दहशत में जी रहे हैं। जी हां, शहर में टैटू की दुकान ने लोगों को एड्स बांट दिया है। कुछ मामले उजागर हुए तो कुछ ने डर की वजह से जांच कराने से दूरी बना ली है। यही लोग आगे भी रोग के संक्रमण के कारक बन सकते हैं। 

वाराणसी में कई लोगों ने टैटू शरीर पर बनवाया और टैटू बनवाने के बाद एड्स के रोगी हो गए। जांच में सामने आया है कि कई लोगों ने एक ही दुकान से अपने शरीर पर टैटू बनवाया था और वह इस घातत बीमारी को घर ले आए। जांच में अभी कुछ ही मामले सामने आए हैं जबकि दिन में कई लोग टैटू बनवाने के लिए संबंधित दुकानों में आते रहे हैं। ऐसे में टैटू से एड्स संक्रमण के मामले कुछ नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्‍या में होने की उम्‍मीद है। यही नहीं अनजाने में वह लोग अब तक न जाने कितनों को एड्स से संक्रमित भी कर चुके होंगे। बड़ी बात यह है कि टैटू के कारोबार में न तो कोई रोकटोक है न कोई निगरानी ऐसे में एड्स ही नहीं तमाम संक्रामक बीमारियां यह लोग युवाओं को बांट रहे हैं।

शुरुआती दो मामलों ने खोला बड़ा राज : बड़ागांव निवासी युवक ने गांव में लगे मेले में अपने हाथ में बड़े ही शौक से टैटू बनवाया था। इसके कुछ माह बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। बुखार के साथ उसका शरीर कमजोर होता गया। तमाम उपचार कराने के बाद भी आराम नहीं मिला तो चिकित्सकों ने उसकी एचआइवी जांच कराई। जांच के बाद जब उसे बताया गया कि वह एचआइवी पाजीटिव है तो खुद उसको भी इस बात का यकीन नहीं हुआ कि रिपोर्ट सही है। वह चिकित्सक से कहने लगा कि उसकी अभी शादी नहीं हुई है। न ही उसका किसी से भी शारीरिक संम्बन्ध है। न ही कभी किसी कारण से उसे खून चढ़ाया गया। ऐसे में वह एचआइवी पाजीटिव भला कैसे हो सकता है। पर जब चिकित्सकों ने उसे समझाया कि यह सब टैटू बनवाने की वजह से हुआ है तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी। नगवां की रहने वाली युवती के साथ भी कुछ ऐसा ही वाकया हुआ है। फेरी वाले से उसने टैटू बनवाया था। इसके कुछ ही दिनों बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। जांच में उसके एचआइवी पाजीटिव होने का पता चला। यह कहानी सिर्फ दो लोगों की नहीं ऐसे कई लोगों की है जो शहर में दुकानों तक में टैटू बनवाने के बाद एचआइवी पाजीटिव हो गए।

चिकित्‍सकों ने खोला राज : पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय स्थित एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर की वरिष्ठ चिकित्सक डा. प्रीति अग्रवाल बताती हैं इन सभी लोगों का एचआइवी संक्रमित होने के अब तक प्रमुख माने जाने वाले कारणों से दूर दूर तक का वास्ता नहीं था। न तो उन्होंने असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाये और न ही उन्हें संक्रमित रक्त चढ़ाया गया था। सेंटर में जब काउंसलिंग शुरू हुई तो पता चला कि टैटू बनवाने के बाद यह बीमारी भी उनके शरीर और परिवार में आ गई है।

संक्रमित सुई से फैल रहा एड्स : समस्या के मूल में संक्रमित सुई के प्रयोग से टैटू बनाना है। दरअसल टैटू जिस सुई से बनायी जाती है वह काफी महंगी होती है। नियमतः किसी एक का टैटू बनाने के बाद उस सुई को नष्ट कर देना होता है, पर अधिक कमाई के चक्कर में टैटू बनाने वाले एक ही सुई का इस्तेमाल कर कई लोगों का टैटू बनाते हैं। उधर टैटू बनवाने वाले लोग इस खतरे से अनभिज्ञ होते हैं। वह यह भी नहीं देखते कि टैटू बनाने वाले ने मशीन में नई सुई लगायी है या नहीं। ऐसे में यदि किसी भी एचआईवी संक्रमित का उस सुई से टैटू बना होगा तो अन्य लोगों में एचआईवी का खतरा होने की पूरी संभावना होती हैं। वहीं जो कारोबारी नई सुई का दावा करते हैं वह भी पुरानी ही सुई ग्राहक के सामने निकालकर उसे नया बता देते हैं। 

संभल कर गुदवायें टैटू : डा. प्रीति अग्रवाल बताती है कि टैटू गुदवाने से पहले काफी सावधानी बरतनी चाहिए। पैसे बचाने के चक्कर में किसी मेले में अथवा फेरी वाले से टैटू बनवाना भारी पड़ सकता है। टैटू बनवाने से पहले यह जरूर देखना चाहिए कि उसने मशीन में नई सुई लगायी है या नहीं। जिन लोगों ने हाल ही में वाराणसी शहर में टैटू बनवाये हो उन्हें अपनी एचआइवी जांच जरूर करानी चाहिए ताकि यदि किसी लापरवाही के चलते उन्हें संक्रमण हुआ हो तो वह उसका तत्काल उपचार शुरू कर सकें। उपचार में देरी जानलेवा हो सकती है और इसका अन्‍य लोगों और परिवार में भी प्रसार हो सकता है। 

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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