ज्ञानवापी मामले में नया मोड़, शासकीय वकील ने की एक और कोर्ट कमिश्नर की मांग, 3 बिंदुओं पर की छूट की मांग

ज्ञानवापी सर्वे मामले में मंगलवार को एक नया मोड़ आ गया। इस मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में कोर्ट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट पेश होने से पहले शासकीय अधिवक्ता ने एक और याचिका दाखिल कर दी। इस याचिका में उन्होंने एक और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने के अनुरोध के साथ तीन बिंदुओं पर छूट की मांग की है। नए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग इन्हीं बिंदुओं की जांच के लिए की गई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता महेंन्द्र प्रसाद पांडेय ने मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सील क्षेत्र से कुछ छूट की मांग की है। उन्होंने कोर्ट से दरख्वास्त किया है कि वजूखाना के सील होने के कारण उसमें लगे नल और पानी की पाइप लाइन को अलग किया जाये।
शासकीय अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कोर्ट का ध्यान तालाब की मछलियों की ओर दिलाते हुए कहा है कि तालाब में काफी मछलियां हैं। सील होने के बाद से उनके जीवन पर खतरा आ गया है। इसलिए उन्हें कहीं और स्थानांतरित किया जाए। अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी अवगत कराया कि सील परिसर में कुछ शौचालय हैं, जिनका प्रयोग नमाजी करते हैं।
कोर्ट के आदेश पर सर्वे पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना में शिवलिंग मिला है। हिंदू पक्ष ने तत्काल इसकी जानकारी अदालत को भी दी और शिवलिंग की सुरक्षा की मांग की। इस पर अदालत ने डीएम को आदेश दिया कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उसे तत्काल सील कर दें। किसी भी व्यक्ति को वहां जाने न दें। वहां पर सीआरपीएफ की तैनाती का भी आदेश दिया।