जौनपुर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में अब बैंक भी बनेंगे भागीदार, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी तय करेगी लाभार्थी

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में अब बैंक भी भागीदार बनेंगे। 20 लाख अथवा इससे की अधिक की परियोजनाओं में 25 फीसद की धनराशि बैंक ऋण के माध्यम से मुहैया करायी जाएगी। इतना ही नहीं अधिक से अधिक लाभार्थियों को योजना का लाभ दिलाने के लिए अंत्योदय व पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को भी वरीयता दी जाएगी। व्यवस्था में बदलाव करते हुए समिति का गठन कर दिया गया है। पोर्टल पर दर्ज आवेदनों का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) की ओर से किया जाएगा। अभीतक इस योजना के तहत सरकार की ओर से अनुदान दी जाती रही है, लेकिन बैंकों को भी इस कड़ी से जोड़ने से काफी हद तक जरूरतमंदों को फायदा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में दस हजार रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का प्रोजेक्ट है। इससे कई सारे कार्य जुड़े हैं। मछली पालन के स्थल पर आवश्यक विद्युत व्यवस्था करना, मत्स्य बीज उत्पादन के लिए हैचरी का निर्माण, इस सीड के लिए मिल अथवा प्लांट की स्थापना करना, प्रयोगशाला का निर्माण करना, मछलियों के प्रसंस्करण एवं परिवहन की व्यवस्था करना आदि शामिल है।
अब महिलाएं भी योजना से जुड़ बनेंगी सशक्त
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से अब महिलाओं को भी मजबूती दी जाएगी। यही वजह है कि तीन लाख रुपये तक परियोजनाओं में अंत्योदय व पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को भी इसमे वरीयता देने की तैयारी की गई है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे ने बकायदा निर्देश जारी किया है। उनकी ओर से स्पष्ट किया गया है कि किसी भी योजना में एक ही परिवार में एक सदस्य को लाभ दिया जाय। मौजूदा समय 1650 लोगों ने आवेदन किया है। आवेदन की आखिरी तारीख एक जुलाई थी, जिसे बढ़ाते हुए 31 अगस्त कर दिया गया है।
लाभार्थियों की संख्या बढ़ाना उद्देश्य
बैकों को भी योजना से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में लाभार्थियों की संख्या बढ़ाना है। कई ऐसे हैं, जो अनुदान मिलने के बाद भी आर्थिक दिक्कत की वजह से योजना से जुड़ नहीं पाते। ऐसे में 25 फीसद धनराशि बैंक ऋण के माध्यम से मिलने से जरूरतमंदों की मुश्किलें काफी हद तक आसान हो सकेंगी।