
वाराणसी, जागरण संवाददाता। संत रविदास की जयंती पर इस वर्ष भी देश और दुनिया से लाखों की संख्या में अनुयायियों के आने का अनुमान है। खास यह कि पंजाब के जालंधर से रैदासियों की सुविधा के लिए एक विशेष ट्रेन वाराणसी तक चलाई जाएगी। यह ट्रेन 14 फरवरी को चलकर अगले दिन 15 फरवरी को कैंट स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) पहुंचेगी। अगले दिन 16 फरवरी को गुरु रविदास की 645वीं जयंती पर शामिल होने के बाद भक्त इसी ट्रेन से 17 फरवरी को लौट जाएंगे। रेलवे परिचालन विभाग के अनुसार विशेष ट्रेन के संदर्भ में लिखित आदेश आना शेष है।
जालंंधर से वाराणसी आने वाली विशेष ट्रेन पूरी तरह रैदासियों से भरी होती है, इस ट्रेन में आस्थावानों के साथ ही शीर्ष गुरु और उनके करीबी लोग भी शामिल होते हैं। इस ट्रेन में ही सुरक्षा के साथ रैदासियों का आगमन कैंट स्टेशन पर होता है तो पूरा परिसर ‘जो बोले सो निहाल’ से गूंज उठता है और गुरु के आशीष की कामना से लोगों का हुजूम स्टेशन से लेकर मंदिर परिसर तक जुटने लगता है। लगभग तीन दिनों तक इस दौरान सीर परिक्षेत्र मिनी पंजाब नजर आने लगता है।
दरअसल डेरा सच खंड बल्लां जालंधर की ओर से प्रतिवर्ष संत निरंजन दास सहित उनके अनुयायी और रैदासियों का हुजूम वाराणसी में गुरु चरणों में शीश झुकाने और आशीष पाने की कामना के साथ रुख करते हैं। इस दौरान पंजाब- हरियाणा के लाखों रैदासिया समुदाय के लोगों का जमावड़ा सीर गोवर्धन में होता है। इसके लिए ट्रस्ट की ओर से माह भर पूर्व से ही आयोजन की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। इस बार भी सीर गोवर्धन में तैयारियां माह भर पूर्व ही शुरू हो चुकी हैं। कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए इस बार लंगर की व्यवस्था तो की गई है लेकिन बिस्तर श्रद्धालुओं को खुद ही लाने के निर्देश दिए जा रहे हैं।