
चीनी हैकर्स ने कुछ महीने पहले लद्दाख के पास पावर ग्रिड को निशाना बनाया था। इनका मकसद जरूरी जानकारी चुराना था। अमेरिका के मैसाचुसेट्स की निजी खुफिया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है। फर्म ने कहा कि उसने भारत सरकार को ये जानकारी देने के बाद ही रिपोर्ट पब्लिश की है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने इस बारे में कहा है कि चीनी हैकर्स ने लद्दाख के पास इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स को निशाना बनाने की दो कोशिशें की थीं, लेकिन इसमें वे सफल नहीं हुए। हमने पहले से ही अपने डिफेंस सिस्टम को मजबूत बना रखा है ताकि ऐसे साइबर हमलों से सुरक्षित रह सकें।
क्या दावा किया गया रिपोर्ट में
रिपोर्ट में दावा किया गया कि हाल के महीनों में हैकर्स ने कम से कम 7 इंडियन स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDCs) को निशाना बनाया। ये सेंटर्स लद्दाख में भारत-चीन सीमा के पास मौजूद इलाकों में ग्रिड कंट्रोल और रियल टाइम पावर डिस्ट्रिब्यूशन करते हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि हैकर्स के इसी ग्रुप ने नेशनल इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम को भी निशाना बनाने की कोशिश की।
लोड डिस्पैच सेंटर्स भी बने थे निशाना
रिपोर्ट में बताया गया कि हैकर्स ने पिछले 18 महीनों में स्टेट और रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर्स को लगातार टारगेट किया। पहले RedEcho नाम के ग्रुप ने हैकिंग की कोशिश की और उसके बाद TAG-38 ग्रुप सामने आया है। ये दिखाता है कि भारत में चीन प्रायोजित खतरे लंबे समय से एक्टिव हैं। ऐसे ग्रुप खुफिया जानकारी जुटाने के मौकों की तलाश में रहते हैं।
रिकॉर्डेड फ्यूचर ने ही मुंबई ब्लैकआउट का राज खोला था
रिकॉर्डेड फ्यूचर ने ही मुंबई में 12 अक्टूबर 2020 में हुए 12 घंटे के ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकर्स का हाथ होने का खुलासा किया था। अब तक चीनी हैकर्स ने भारत में बिजली सप्लाई को ही ज्यादा टारगेट किया है। उनका मकसद देश के इंटरनल सिस्टम को डिस्टर्ब करना है। उसी दिन तेलंगाना में भी 40 सब-स्टेशन को भी इन हैकर्स ने टारगेट किया था। हालांकि, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-IN) से अलर्ट मिलने के बाद इस कोशिश को नाकाम कर दिया गया था।
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी पर भी हमला
2021 में भी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि चीन के हैकर्स ने भारत में कोरोना वैक्सीन तैयार कर रही दो कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक पर भी साइबर हमले किए थे। हालांकि चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर ऐसे किसी भी आरोपों से इनकार कर दिया था।
अमेरिका और यूरोप के कई देशों पर भी साइबर हमले
भारत ही नहीं चीन ने अमेरिका और यूरोप के कई देशों पर भी साइबर हमले किए हैं। 2021 में अमेरिका की 3 जांच एजेंसियों नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA), साइबर सिक्योरिटी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (CISA) और फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने जॉइंट स्टेटमेंट जारी कर यह आरोप लगाया था।
स्टेटमेंट में कहा गया था कि चीनी हैकर रैनसमवेयर अटैक कर दुश्मन देशों से क्रिप्टोकरेंसी में पैसों की वसूली कर रहे हैं। इस एडवाइजरी को ‘चीन का स्टेट- स्पॉन्सर्ड साइबर ऑपरेशन’ टाइटल दिया गया है।