किसानों की आय का साथी बना नैनो यूरिया, फसलों की उपज में 8-15 फीसद तक की वृद्धि

वाराणसी, अरुण कुमार मिश्र : खेतों की घटती उर्वरता व उत्पादकता समेत महंगाई की मार झेलते किसान के लिए नैनो यूरिया (तरल) का साथ फायदेमंद साबित हाेने लगा है। किसानों के अनुसार इस रबी की फसल गेहूं में उन्हें प्रति बीघा 4000 रुपये से अधिक की आमदनी हुई है। इसके साथ फसलों में स्वाद बढ़े हैं। कीड़े-मकोडे़ कम लगे और उत्पादकता प्रति बीघा दो क्विंटल बढ़ी है। ऐसे में किसानों में नैनो यूरिया का साथ मिलने से काफी खुशी है। विभिन्न फसलों की उपज में 8-15 फीसद तक की वृद्धि दर्ज की गई। यह सभी फसलों के लिए उपयोगी है।
आय बढ़ने से किसानों के चेहरे खिले
सेवापुरी विकास खंड के गजेपुर गांव निवासी शिवलाल वर्मा बताते हैं कि इस बार 1.5 बीघे खेत में गेहूं की बोआई की थी। इसमें कुल 750 ग्राम नैनो यूरिया का उपयोग किया था। प्रति बीघा गेहूं की उत्पादकता दो क्विंटल बढ़ी है। लगभग चार हजार रुपये का फायदा हुआ है। अब टमाटर की खेती में नैनो का उपयोग किया जा रहा है। उम्मीद है कि इसमें भी लाभ होगा। नैनो यूरिया से हमारे खेत तो बचेंगे ही फसलों में प्राकृतिक स्वाद भी उतरेंगे।
नैनो यूरिया के फायदे का अनुभव
नैनो यूरिया खेतों के लिए काफी सुखद स्थिति उत्पन्न करी है। इससे कीड़े-मकोड़े जहां नहीं लग रहे हैं वहीं गेहूं के डंठल और बालियां काफी मजबूत हो रही हैं। ऐसा दूसरे उर्वरकों के उपयोग में नहीं देखा जाता है। विभाग के मुताबिक नैनो यूरिया का दायरा बढ़ाने में जोर है जिससे एक तिहाई पारंपरिक यूरिया को घटाया जा सके। इससे खेतों को होने वाले नुकसान को बचाया जा सकेगा। वहीं नैनो यूरिया की नवीनतम जानकारी वेबसाइट https://nanourea.in पर प्राप्त की जा सकती है। यह वेबसाइट वर्तमान में हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी, बांग्ला और तेलुगु भाषा में उपलब्ध है।
किसान जेब में लेकर चलेंगे नैनो यूरिया
45 किलो की यूरिया की बोरी जगह किसान नैनो यूरिया को अपने जेब में रख कर ले जा सकते हैं। नत्रजन की कम जरूरत वाली फसलों में दो मिली व ज्यादा नत्रजन वाली फसलों में चार मिली प्रति लीटर पानी की दर से इसका उपयोग किया जा सकता है। दलहनी फसलों में एक बार जबकि अन्य सभी तरह की फसलों में दो बार, बुवाई अथवा रोपाई के 30-35 दिन पर और दूसरा फूल आने के एक सप्ताह पूर्व किया जा सकता है। एक बोतल नैनो यूरिया एक एकड़ क्षेत्रफल के छिड़काव के लिए पर्याप्त है।
एक नजर में आंकड़े
नैनो यूरिया – 750 एमएल (उपयोग)
पैदावार – 10 क्विंटल (दो क्विंटल बढ़ा)
नैनो यूरिया – 240 रुपये (500 एमएल)
एक साल में बिक्री – 17000 बोतल
सहकारी समितियां – 70
इफको बिक्री केंद्र – 20
यूरिया – 266.50 रुपये (प्रति बोरी)
2022 में बिक्री – 50,940 टन
2021 में बिक्री – 45,000 टन
2020 में बिक्री – 42,000 टन
(विभाग व किसान से प्राप्त इनपुट)
नैनो यूरिया पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यवर्धक
नैनो यूरिया पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यवर्धक है। उत्पादकता और खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने वाला है। इसके उपयोग से किसानों की आय में काफी बढ़ोतरी हो रही है। ऐसा कई परीक्षण रिपोर्ट में सामने आया है।