उत्तर प्रदेश: आखिर क्यों दिए गए हैं केशव, असीम और बेबी रानी को ये विभाग? यह है मंत्रिमंडल के बंटवारे पर केंद्र की योजना

सार
भाजपा के रणनीतिकारों के मुताबिक केशव प्रसाद मौर्या और असीम अरुण समेत बेबी रानी मौर्या को जो विभाग दिए गए हैं दरअसल वही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए जीत की पिच तैयार करेंगे। पार्टी आलाकमान ने तमाम मंथन के बाद ही इन महत्वपूर्ण चेहरों को यह बड़ी और सबसे ज्यादा लोगों तक जोड़ने वाले महकमों की जिम्मेदारी दी है…

विस्तार
उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल बंटवारे के बाद सबसे ज्यादा चर्चाएं इसी बात की हो रही हैं कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लेकर पूर्व आईपीएस असीम अरुण और उत्तराखंड की पूर्व गवर्नर बेबी रानी मौर्य जैसे बड़े नामों को बहुत महत्वहीन विभाग दिए गए हैं। लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। भाजपा के रणनीतिकारों के मुताबिक केशव प्रसाद मौर्या और असीम अरुण समेत बेबी रानी मौर्या को जो विभाग दिए गए हैं दरअसल वही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए जीत की पिच तैयार करेंगे। पार्टी आलाकमान ने तमाम मंथन के बाद ही इन महत्वपूर्ण चेहरों को यह बड़ी और सबसे ज्यादा लोगों तक जोड़ने वाले महकमों की जिम्मेदारी दी है।
प्रधानमंत्री करते हैं निगरानी
पिछले कार्यकाल में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के पास लोक निर्माण विभाग जैसा महत्वपूर्ण महकमा था। लेकिन इस बार केशव प्रसाद मौर्य चुनाव तो हारे लेकिन उनको सरकार में उपमुख्यमंत्री जैसा न सिर्फ महत्वपूर्ण पद मिला, बल्कि पार्टी ने उन पर भरोसा करके बड़ा दांव लगाया है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि केशव प्रसाद मौर्या को जो मंत्रालय दिया गया है दरअसल वह मंत्रालय प्रधानमंत्री के विजन और मिशन को पूरा करने वाला मंत्रालय है। उनका कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की योजनाएं ग्रामीण विकास और उससे जुड़े हुए लोगों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। यही बड़ी वजह है कि पार्टी के कद्दावर नेता केशव प्रसाद मौर्या को ग्राम्य विकास और ग्रामीण अभियंत्रण की जिम्मेदारी दी गई है।
उक्त वरिष्ठ नेता का कहना है कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में किए जाने वाले काम 2024 के लोकसभा के चुनावों में उनकी पार्टी के लिए बड़ी जीत की ओर ले जाएंगे। वह कहते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि गांवों में हर स्तर का विकास हो और लोगों को रोजगार मिले। पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं केशव प्रसाद मौर्या के मंत्रालय से जुड़े कार्य की निगरानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करते हैं। इसलिए संपूर्ण विकास के लिहाज से केशव प्रसाद मौर्या का मंत्रालय केंद्र सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने और ग्रामीण विकास के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकताओं वाला महकमा
इसी तरीके से हाई प्रोफाइल कद वाली भाजपा नेता और उत्तराखंड की पूर्व गवर्नर रह चुकीं बेबी रानी मौर्य को मिला मंत्रालय भी सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में से एक है। पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार का फोकस भी इसी मंत्रालय और आने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन पर है। बेबी रानी मौर्य को भाजपा सरकार में महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार जैसा विभाग मिला है। भाजपा के लिए रणनीति बनाने वाले कद्दावर नेता कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में इस बार महिलाओं का मिला बंपर वोट इस मंत्रालय में किए जाने वाले काम से और मजबूत होगा। बेबी रानी मौर्य को मिला यह मंत्रालय न सिर्फ राज्य बल्कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं वाले महकमे में से एक है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि महिलाओं के विकास और ग्रामीण स्तर पर बच्चों के विकास की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के साथ ही 2024 की राह आसान होगी।
असीम अरुण को मिला अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण विभाग
कानपुर के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आईपीएस असीम अरुण ने जब इस्तीफा दिया तो हर और चर्चा यही हुई कि क्या असीम अरुण को योगी सरकार में गृह विभाग के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जैसा पद मिलेगा। लेकिन जब मंत्रालय का बंटवारा हुआ तो असीम अरुण के हिस्से में समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग आया। पूर्व आईपीएस असीम अरुण को मिले इस विभागों के बाद चर्चा हुई कि उन्हें महत्वहीन विभाग मिला है। दिल्ली में भाजपा संगठन में अहम भूमिका निभाने वाले एक वरिष्ठ नेता कहते हैं असीम अरुण को जो विभाग मिला है, दरअसल वह इस बार उत्तर प्रदेश की सरकार बनाने वाले सबसे ज्यादा लोगों से जुड़ा हुआ मंत्रालय है। असीम अरुण को अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण विभाग मिला है जो कि भाजपा को मिले दलितों के एक बड़े वोट बैंक के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को दलितों तक पहुंचाने में यह मंत्रालय सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। राजनीतिक विश्लेषक जीडी शुक्ला कहते हैं कि यह एक ऐसा मंत्रालय है जो किसी भी पार्टी की राजनीतिक दिशा और दशा को तय करता है। इसलिए असीम अरुण को मिला यह महकमा सीधे तौर पर आम लोगों को भले न समझ में आए लेकिन किसी भी पार्टी की राजनीतिक दूरदर्शिता के लिहाज से यह मंत्रालय और इसमें किया गया काम पार्टी को बहुत मजबूत करता है। शुक्ला कहते हैं क्योंकि इस बार भाजपा के हिस्से में दलितों का अच्छा खासा वोट बैंक आया है, इसलिए इस मंत्रालय में की जाने वाली मेहनत पार्टी को 2024 से लेकर 2027 तक के राजनीतिक समीकरण को बहुत मजबूती से साधेगी।