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अब छाया-ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के रूप में मनाया जाएगा, अपर मुख्य सचिव के दिशा-निर्देश के बाद तैयारी तेज

जागरण संवाददाता, वाराणसी : जनपद में प्रत्येक बुधवार व शनिवार को मनाया जाने वाला ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) अब ‘छाया ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के रूप में मनाया जाएगा। अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक व प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र लिखकर इस संबंध में निर्देश जारी किया है।

सीएमओ डा. संदीप चौधरी का कहना है कि अपर मुख्य सचिव के पत्र में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयारियां तेज कर दी गईं हैं।

आगामी वीएचएनडी को जिले भर में छाया वीएचएनडी के रूप में मनाया जाएगा। कहा गया है कि छाया गोली एक नान हार्मोनल दवा है। महिलाएं इसका प्रयोग गर्भ निरोध के लिए करती हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। जनसंख्या स्थिरीकरण एवं परिवार नियोजन कार्यक्रम को लोकप्रिय बनाने के लिए टीकाकरण, पोषण एवं परिवार नियोजन के सभी साधनों के प्रति लोगों को जानकारी देकर उनके उपयोग पर बल देने के उद्देश्य से प्रत्येक बुधवार व शनिवार को मनाए जाने वाले ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस में अब गर्भ निरोधक छाया गोली को जोड़ते हुए इसे छाया ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से आयोजित होने वाला ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) स्वास्थ्य उपकेंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूल, सार्वजनिक भवनों आदि पर मनाया जाता है। हर माह के पहले बुधवार को स्वास्थ्य उपकेंद्र में यह आयोजन किया जाता है। इसके अलावा अन्य आयोजन रोस्टर के अनुसार होते हैं।

ये भी मिलती हैं सुविधाएं : एसीएमओ (आरसीएच) डा. एके मौर्य ने बताया कि वीएचएनडी पर गर्भवती और धात्री महिलाओं को परिवार नियोजन की सेवाएं दी जाती हैं। गर्भवती और दो साल तक की उम्र के बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। दस से 19 साल आयुवर्ग के किशोरों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें जरूरत के अनुसार कैल्शियम व आयरन की गोलियां दी जाती हैं।

गर्भवती का वजन करने के साथ ही उनके गर्भ की जांच, ब्लड प्रेशर व गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की जांच एएनएम द्वारा की जाती है। बच्चों का वजन कर उन्हें पोषाहार वितरित किया जाता है। कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र के लिए रेफर किया जाता है। किसी गर्भवती या धात्री को यदि जरूरत होती है तो उन्हें भी सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया जाता है।

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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