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अफगानिस्तान में सट्टेबाजी रोकने के लिए तालिबान ने लगाया क्रिप्टो पर बैन

अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों से सहायता प्राप्त करने में क्रिप्टोकरेंसीज से मदद मिली थी। विदेश में मौजूद कुछ संगठनों ने सहायता उपलब्ध कराने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल किया था

पिछले वर्ष अफगानिस्तान में सत्ता पर नियंत्रण करने के बाद से आतंकवादी संगठन तालिबान ने बहुत से बड़े फैसले किए हैं। इसी कड़ी में अफगानिस्तान में सट्टेबाजी को रोकने के लिए तालिबान ने क्रिप्टोकरेंसीज पर पूरी तरह बैन लगा दिया है। इससे पहले अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक ने भी पूरे देश में क्रिप्टोकरेंसीज पर रोक लगाई थी। 

इस बारे में हेरात प्रांत के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सैय्यद शाह ने बताया कि कुछ लोग क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल अपनी रकम को तालिबान से छिपाने के लिए कर रहे थे। उनका कहना था, “सेंट्रल बैंक ने बिटकॉइन जैसी धोखेबाजी वाली डिजिटल करेंसीज में ट्रेडिंग को लेकर लोगों और कारोबारियों पर रोक लगाने का आदेश दिया है।” तालिबान सरकार ने क्रिप्टो से जुड़ी ट्रांजैक्शंस करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसीज के कारोबार वाली 20 से अधिक फर्मों को बंद किया गया है। हालांकि, अफगानिस्तान ऐसा पहला देश नहीं है जिसने क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाया है। पिछले वर्ष चीन ने क्रिप्टो सेगमेंट पर बंदिशें लगाई थी। चीन में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ी ट्रेडिंग के साथ ही क्रिप्टो माइनिंग पर भी रोक लगाई गई है। 

अफगानिस्तान की इकोनॉमी में रिकवरी के लिए तालिबान सरकार विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान में क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल बढ़ा था। विदेश से रेमिटेंस प्राप्त करने की सुविधा देने वाली फर्मों के अफगानिस्तान से बाहर निकलने के कारण रेमिटेंस प्राप्त करना मुश्किल हो गया था। इस वजह से क्रिप्टोकरेंसीज के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हुई थी। अल जजीरा ने मार्च में एक रिपोर्ट में बताया था कि अफगानिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग के लिए एक वॉट्सऐप ग्रुप है जिसके हेरात में 13,000 से अधिक सदस्य हैं।

अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों से सहायता प्राप्त करने में क्रिप्टोकरेंसीज से काफी मदद मिली थी। विदेश में मौजूद कुछ संगठनों ने सहायता उपलब्ध कराने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल किया था। पिछले एक वर्ष में अफगानिस्तान की इकोनॉमी कमजोर हुई है। विदेश से मिलने वाली सहायता में कमी से इकोनॉमी पर बड़ा असर पड़ा है। बहुत सी फर्मों और विदेशी सहायता एजेंसियों के अफगानिस्तान में कामकाज बंद करने से बेरोजगारी भी बढ़ी है और लोगों के लिए मूलभूत जरूरतों को पूरा करना भी मुश्किल हो गया है। 

Author

  • Mrityunjay Singh

    Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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Mrityunjay Singh is an Indian author, a Forensic expert, an Ethical hacker & Writer, and an Entrepreneur. Mrityunjay has authored for books “Complete Cyber Security eBook”, “Hacking TALK with Mrityunjay Singh” and “A Complete Ethical Hacking And Cyber Security” with several technical manuals and given countless lectures, workshops, and seminars throughout his career.

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